Diwali 2024: दीपावली की रोशनी, एक गरीब परिवार की कहानी

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बहुत साल पहले की बात है, 

एक गाँव में एक छोटे से घर में एक गरीब परिवार रहता था। उनके पास बहुत ही कम खाने पिने का सामान था, लेकिन उनकी खुशियों की कोई मिती नहीं थी। जब भी दीवाली आती, तो सभी घरेलूं में उत्सव की धूम धाम से मनाते, लेकिन उस गरीब परिवार के लिए यह दिन बस एक और दिन था, जिसमें उनका मन भरकर नहीं मनता था।

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एक बार की बात है, उनके पास इतनी पैसे नहीं थे कि वे खरीदे कोई उत्सवी चीज़े खरीद पाते। लेकिन उनके पास एक बड़ा त्यौहार दीवाली का दिन था, और उनका मन फिर से उत्साहित हो गया।

दीपावली के दिन, गाँव के सभी घरों में रौनक थी। लोग अपने घरों को रंगीन दीपों से सजाते थे और उनके घर के बाहर भी दीप जलाते थे। गरीब परिवार के लोग भी दीपों की तैयारी करने लगे।

परिवार के छोटे सदस्य, एक छोटे से बच्चे ने देखा कि उनके पास चीर दीपक ही थे। उस बच्चे ने अपनी माँ से पूछा, "माँ, हमारे पास इतने छोटे दीपक कैसे बचे? क्या हम उन्हें अच्छे से जला पाएंगे?"

माँ मुस्कराई और बोली, "बेटा, हमारे पास शायद बड़े दीपक नहीं हैं, लेकिन हमारे पास यह छोटे दीपक हमारी आत्मा की रोशनी है। हम इन्हें उत्सव के सभी दीपों में मिलाकर उनकी रोशनी बढ़ा सकते हैं।"

बच्चा खुशी-खुशी अपने छोटे दीपकों को दीपावली के अन्य दीपों में मिला दिया। जैसे-जैसे रात आई, उनके घर का दृश्य अद्भुत बन गया। छोटे दीपकों की रौशनी ने उनके घर को इतनी खूबसूरती से सजाया कि लोग उनके घर के पास आकर खड़े हो गए।

उनकी छोटी सी मेहनत ने उन्हें बड़ी खुशियों की ओर ले जाने का मार्ग दिखाया। वे यह सिखने लगे कि अगर हमारी आत्मा में रोशनी हो, तो हम किसी भी परिस्थिति में खुश रह सकते हैं।

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हमने क्या सिखा?

इस दीपावली की कहानी ने हमें यह सिखाया कि सच्चे मानसिकता के साथ, हम किसी भी समस्या का समाधान निकाल सकते हैं और जीवन को खुशियों से भर सकते हैं। दीपावली हमें यह याद दिलाती है कि हमें अपनी आत्मा की रौशनी को पहचानना चाहिए और उसे बढ़ावा देना चाहिए।



पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

दीपावली क्या है?
दीपावली, जिसे दिवाली भी कहा जाता है, एक प्रमुख हिन्दू त्योहार है जो पूरे भारत में मनाया जाता है। यह त्योहार प्रकाश की अविच्छिन्नता और अच्छाई की प्रतीक होता है और विशेषकर भगवान श्रीराम के अयोध्या लौटने के दिन के रूप में मनाया जाता है।


दीपावली कब मनाई जाती है?
दीपावली आमतौर पर अक्टूबर और नवम्बर के बीच मनाई जाती है। यह हिन्दू पंचांग के अनुसार अश्विन मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि से लेकर अमावस्या तक मनाई जाती है।


दीपावली का महत्व क्या है?
दीपावली का महत्व विभिन्न परंपराओं, धर्मिक और सामाजिक अवसरों की एक समृद्धि को दर्शाता है। यह प्रकाश की अविच्छिन्नता, जीवन की जीत पर प्रकाश डालता है और बुराई को शमन करने का संकेत होता है।


दीपावली कैसे मनाई जाती है?
दीपावली के दौरान लोग अपने घरों को दीपों, दियों और फूलों से सजाते हैं। घरों की सजावट, पुनःप्राप्ति की आशा और खुशी के संकेत के रूप में प्रकाशित होती है।


दीपावली के दौरान कौन-कौन सी रस्में होती हैं?

दीपावली के दौरान विभिन्न प्रकार की परंपराएं मनाई जाती हैं, जैसे कि गणेश पूजा, लक्ष्मी पूजा, कुबेर पूजा, भैया दूज आदि। इन परंपराओं के माध्यम से लोग देवी-देवताओं की पूजा और आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।


दीपावली की रौशनी कैसे बढ़ाई जा सकती है?
दीपावली की रौशनी बढ़ाने के लिए आप अपने घर के साफ-सफाई का ध्यान रख सकते हैं, अधिक दीपों का प्रयोग कर सकते हैं और अपने आस-पास के लोगों के साथ खुशियाँ साझा कर सकते हैं।


दीपावली के त्योहार में खाने का क्या महत्व है?
दीपावली के त्योहार में विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन बनाए और सर्वदेव पूजा में प्रसाद के रूप में उपयोग किए जाते हैं। कुछ प्रसिद्ध खाने की विशेषताएँ हैं जैसे कि लड़ू, गुजिया, नमकीन इत्यादि

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